7 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक भीषण आतंकवादी हमला हुआ, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। यह हमला न केवल सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ा झटका था, बल्कि इसने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या भारत अभी भी आतंकवाद
के खिलाफ पूरी तरह से सुरक्षित है? इस घटना ने पुंछ की शांत वादियों को एक बार फिर खून से रंग दिया और देशभर में गुस्से व शोक की लहर दौड़ गई।
हमले की घटनाक्रम
सुबह के करीब 10:30 बजे, पुंछ के सुरानकोट इलाके में भारतीय सेना के एक कॉन्वॉय पर अचानक आतंकवादियों ने हमला बोल दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकियों ने ग्रेनेड और भारी गोलाबारी की, जिसमें कई जवान शहीद हो गए और कई घायल हुए। हमले के बाद आतंकी घने जंगलों में भागने में कामयाब रहे।
सुरक्षा बलों ने तुरंत ऑपरेशन शुरू किया और पूरे इलाके को घेर लिया। ड्रोन और खोजी अभियान के जरिए आतंकियों को ढूंढने की कोशिश की जा रही है। आर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर इस हमले की जिम्मेदारी संभाली और मृतक जवानों के परिवारों को संवेदना व्यक्त की।
हमले की जिम्मेदारी किसने ली?
अभी तक किसी आतंकी संगठन ने सीधे तौर पर इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन प्रारंभिक जांच में यह संदेह जताया जा रहा है कि यह हमला पाकिस्तान-समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद या लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने किया होगा। पुंछ लंबे समय से आतंकवादियों के घुसपैठ का एक प्रमुख रास्ता रहा है, और पाकिस्तान की सीमा के करीब होने के कारण यह इलाका अक्सर ऐसे हमलों का शिकार होता रहा है।
शहीद जवानों को देश का सलाम
इस हमले में कई बहादुर सैनिकों ने अपनी जान गंवाई। उनके बलिदान को पूरा देश सलाम करता है। शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इन आतंकियों को माफ नहीं किया जाएगा और उन्हें सबक सिखाया जाएगा।
क्या यह हमला सुरक्षा व्यवस्था में चूक को दिखाता है?
यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर यह हमला कैसे हो गया? क्या इंटेलिजेंस फेल हुई? क्या सीमा सुरक्षा में कोई कमी रह गई? पुंछ में पहले भी ऐसे हमले हो चुके हैं, लेकिन इस बार का हमला और भी ज्यादा भयावह लगता है। सरकार और सेना को अब सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति
भारत ने पिछले कुछ सालों में आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, जिसमें सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन शामिल हैं। लेकिन अब भी आतंकी घटनाएं हो रही हैं, जिससे साफ है कि पाकिस्तान अपनी रणनीति नहीं बदल रहा। भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बनाने की जरूरत है ताकि वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे।
निष्कर्ष: एकजुटता और सतर्कता की जरूरत
7 मई 2025 का पुंछ हमला एक दर्दनाक घटना है जो हमें याद दिलाती है कि आतंकवाद अभी भी हमारे देश के लिए एक बड़ा खतरा है। हमें अपने सैनिकों के बलिदान को नहीं भूलना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े होना चाहिए। सरकार, सेना और जनता को मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
जय हिन्द! जय भारतीय सेना! !


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