परिचय
भारत सरकार ने 2025 में पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से "प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना" का विस्तार किया है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "वोकल फॉर लोकल" और "आत्मनिर्भर भारत" अभियान का हिस्सा है। इसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को वित्तीय सहायता, आधुनिक प्रशिक्षण, टूल्स और डिजिटल पहचान उपलब्ध कराना है।
कौन लाभ ले सकता है (पात्रता)
इस योजना का लाभ वे लोग उठा सकते हैं जो निम्नलिखित कार्यों में संलग्न हैं:
बढ़ई (Carpenter), लोहार (Blacksmith), कुम्हार (Potter), सुनार (Goldsmith), दर्जी (Tailor), नाई (Barber), धोबी (Washerman), मूर्तिकार (Sculptor), राजमिस्त्री (Mason), जूता बनाने वाले (Cobbler)
पात्रता शर्तें
भारतीय नागरिकता
कोई अन्य सरकारी स्वरोजगार योजना का लाभ नहीं लिया हो
18 वर्ष से ऊपर आयु
संबंधित ट्रेड में पारंपरिक अनुभव
योजना के अंतर्गत क्या मिलेगा
1. बिना गारंटी ऋण:
पहली किश्त ₹1 लाख
दूसरी किश्त ₹2 लाख (पहली किश्त चुकाने के बाद)
ब्याज दर 5% प्रतिवर्ष
2. फ्री ट्रेनिंग और स्टाइपेंड:
15 दिनों तक कौशल विकास प्रशिक्षण
₹500 प्रतिदिन का स्टाइपेंड
मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र
3. टूलकिट सहायता:
₹15,000 तक आधुनिक टूल्स खरीदने के लिए सहायता
4. डिजिटल प्रमाणीकरण और UPI ID:
डिजिटल लेन-देन के लिए प्रमाणीकरण
मुद्रा कार्ड और सरकारी पहचान पत्र
5. बाजार से जोड़ने में मदद:
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा
डिजिटल मार्केटिंग की ट्रेनिंग
आवेदन कैसे करें
ऑनलाइन प्रक्रिया
1. वेबसाइट पर जाएं: [https://pmvishwakarma.gov.in](https://pmvishwakarma.gov.in)
2. पंजीकरण करें: आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से
3. डॉक्यूमेंट अपलोड करें: पहचान पत्र, पासपोर्ट फोटो, ट्रेड प्रमाण
4. ट्रेड सिलेक्ट करें और आवेदन सबमिट करें
ऑफलाइन प्रक्रिया
नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आवेदन करें
वहां से भी सहायता मिलती है
जरूरी दस्तावेज
आधार कार्ड
पैन कार्ड
पासपोर्ट साइज फोटो
बैंक पासबुक की कॉपी
ट्रेड से संबंधित कोई प्रमाण या अनुभव पत्र
योजना के लाभ
पारंपरिक कारीगरों को पहचान और सम्मान
व्यवसाय के लिए पूंजी और टूल्स
डिजिटल भारत से जुड़ाव
नई तकनीकों की ट्रेनिंग
आत्मनिर्भर बनने का मौका
प्रेरणादायक उदाहरण
उत्तर प्रदेश की रेखा देवी जो पहले एक दर्जी थीं, उन्होंने इस योजना से ₹1 लाख का ऋण लेकर सिलाई सेंटर खोला और अब वह 3 महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। इसी तरह बिहार के विजय लोहार ने टूलकिट और ट्रेनिंग के बाद अपना खुद का वर्कशॉप शुरू किया है।
निष्कर्ष
Pm विश्वकर्मा योजना 2025 पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि उन्हें एक नई पहचान और आत्मनिर्भरता की दिशा में मार्गदर्शन भी करती है। यदि आप भी किसी पारंपरिक हुनर में माहिर हैं, तो यह योजना आपके जीवन को बदल सकती है।
आज ही आवेदन करें और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में पहला कदम बढ़ाएं।
https://www.lemonupdates.in/2025/05/2025-1.html
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